#भारत के तीसरे राष्ट्रपति
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Radio Bulletin 11 Nov 2024
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना बने भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ l झारखंड में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ऊंचे पदों पर आदिवासी कांग्रेस को नहीं होते बर्दाश्त, हमने दिए अवसर l महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा तुष्टिकरण की राजनीति से देश की सुरक्षा को खतरा l संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के कगार पर, भारत की और सबकी नजरे l विश्व हिंदू…
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अब तक 8000 से अधिक की मौत
Turkey Syria Earthquake Updates: तुर्की सीरिया में सोमवार सुबह आए भूकंप से अब तक 8000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस आंकड़े के बढ़ने की पूरी आशंका है। रेक्स्यू टीमों ने लगातार तीसरे दिन बचाव अभियान चला रही है। भारत समेत अन्य देशों और संगठनों की टीम मलबों में जिंदगियां तलाशने में जुटी हैं। तुर्की के उप राष्ट्रपति फुआत ओकटे ने कहा कि भूकंप से 34,810 लोग घायल हुए हैं। बता दें कि सोमवार तड़के…
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भारत के तीसरे राष्ट्रपति, बिहार के पूर्व राज्यपाल, स्वाधीनता आंदोलन के सेनानी, स्वतंत्र भारत में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षाविद्, 'भारत रत्न' डॉ जाकिर हुसैन जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन।
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चीन-भारत सीमा स्थिति 'आम तौर पर स्थिर': यांग्त्से संघर्ष पर चीन
चीन-भारत सीमा स्थिति ‘आम तौर पर स्थिर’: यांग्त्से संघर्ष पर चीन
छवि स्रोत: फ़ाइल चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की पांच साल में एक बार होने वाली कांग्रेस में अभूतपूर्व तीसरे पांच साल के कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के बाद सीमा पर यह पहली बड़ी घटना है। चीन ने मंगलवार को क��ा कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में दोनों देशों की सेना के बीच झड़प के कुछ दिनों बाद भारत के साथ सीमा पर स्थिति “आम तौर पर स्थिर” थी,…
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#अरुणाचल प्रदेश#चीन#चीन भारत सीमा#चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन#तवांग#तवांग टकराव#नवीनतम अपडेट#भारत-चीन आमना-सामना#भारत-चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए#यांग्त्से संघर्ष
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Dear sir ..
good morning
for this post reply i have this matter of fb post ..
it is in Hindi ..
मित्रों आज मुझे जैन मुनि जिनविजय एव पाण्डुलिपि सम्पदा की वर्तमान प्रासंगिकता पर आधारित सेमिनार में शामिल होने का आमंत्रण राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के वरिष्ठ अनुसन्धान अधिकारी डॉ.नितिन गोयल जी के द्वारा उनके व्हाट्सअप से मिला ! सेमिनार का आयोजन रखा गया था बीकानेर की होटल भवर निवास हवेली बीकानेर में ! भी विशेष था सो जाना स्वाभाविक था !
समय सुबह 10 बजे का समय था सो मैं समय से 15 मिनट पूर्व पहुंचा होटल भवर निवास जहा डॉ. नितिन गोयल जी अपनी पूरी टीम के साथ व्यस्त थे आयोजन की तैयारी में !
मुनि जिनविजय एव पाण्डुलिपि सम्पदा की वर्तमान प्रासंगिकता पर आधारित इस सेमिनार के मुख्या अतिथि रहे कला एवं संस्कृति मंत्री राजस्थान सरकार डॉ बुलाकीदास कल्ला , शासनश्री साध्वी श्री चांदकुमारी जी और वरिष्ठ अतिथि रही अध्यक्ष जिला उपभोगता प्रतिशोध आयोग सुश्री चंद्र कला जैन जी !
उद्धघाटन सत्र का सञ्चालन साहित्यकार रितु शर्मा जी ने किया !प्रथम सत्र में डॉ, नितिन गोयल जी ने मुनि जिनविजय एव पाण्डुलिपि सम्पदा की वर्तमान प्रासंगिकता पर आधारित सेमिनार के विषय को परिवर्त किया ! साथ ही राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान के रचनात्मक कार्य की जानकारी मंच से दी , उन्होंने ऐतिहासिक पांडुलिपियों को डिजिटलाइजेशन करने और राजस्थान और राजस्थान से बहार भी उपलब्ध और निजी पांडुलिपियों को भी संकलन में लेने की बात बताई !
उनके बाद ��ॉ. बी.डी क��्ला जी ने भी राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान को पुन्ह सुचारु होने और डॉ. नितिन गोयल जी के कार्य की तारीफ़ करते हुए राजस्थान सरकार की और से हर संभव सहयोग की बात कही ! साथ ही उन्होंने पाण्डुलिपि और उनमे उल्लेखित ॐ शब्द की पुनः सर्व धर्म में शोध की बात को मंच से प्रकाशित किया जो बहुत ही महताऊ बात थी पांडुलिपियों के शोधार्थियों के लिए !
साध्वी श्री चांद कुमारी जी ने भी पाण्डुलिपि का डिजिटलाइजेशन की बात की महत्ता को समझा साथ ही उन्होंने कहा की हस्त लिखित पाण्डुलिपि तैयार करने की प्रथा अब कम हो रही है! ये एक चिंता का विषय है सो चिंता की आग को त्याग कर चिंतन का चिराग जलाने की आवश्यकता और जरूररत है ! उस सत्र में मुनि जिनविजय जी के परिवार के सदस्यो को भी रूबरू देखने का अवसर मिला जिसके लिए आये हुए सभी आगुन्तकों ने उनका आभार व्यक्त किया प्रथम सत्र में !
प्रथम सत्र और द्वितीय सत्र में मुनि जिनविजय एव पाण्डुलिपि सम्पदा की वर्तमान प्रासंगिकता पर आधारित सेमिनार में पत्रवाचन हुए ! इन सत्र में डॉ टी के जैन , डॉ. गिरजाशंकर जी और डॉ.महेंद्र जैन प्रथम व् द्वितीय सत्र प्रभारी रहे और आठ से दस शोधार्थियों ने अपने पत्र पाण्डुलिपि और मुनि जिनविजय जी के जीवन के सन्दर्भ में तथ्यात्मकता साथ पढ़े , समय के सीमा के तहत सब ने अपने पर्चे तय समय में पढ़े और मंच की गर्मीमा का खयाल रखा ! इन पर्चो से कई जानकारियाँ सामने आयी जैसे की मुनि जिनविजय जी पदमश्री से सम्मानित थे ! वे मुंबई में शोधार्थियों के गाइड बने जबकि वे खुद डॉक्टर नहीं थे ! उनके राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान का सुभारम्भ भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने किया था ! मुनि जिनविजय जी ने अपने जीवन में 4000 पांडुलिपियों का प्रकाशन करवाया ! आप ने गुजरती भाषा की पांडुलिपियों का संकलन किया और उसे कहा पुराणी राजस्थानी ! आप को स्वयं महात्मा गांधी जी ने संस्कृति और साहित्य की शिक्षा भारतीय तत्वों के साथ वाली शिक्षण प्रणाली लाने का दिशा निर्देश दिया जिसपर आप ने अति ऊर्जा से कार्य किया और गुजरात में जैन मंदिर से ये कार्य आरम्भ किया !
इन सत्र में इस राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार में अमेरिका और जापान के साथ उदयपुर से भी पाण्डुलिपि शोधकर्ता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े और उन्होंने पुरे सत्र को अचंभित किया जब अमेरिका की शोधकर्ता ने हिंदी में अपने शोधपत्र को स्क्रीन से सबके समक्ष रखा! तो जापान के शोधार्थी ने तो लिपि को उच्चारित कर के सब के सामने पढ़ा पाण्डुलिपि के उस सेमीनार की ये अद्धभुत बात थी उस सत्र की ! ये सेमिनार साथ ��ी साथ ऑनलाइन पर लाइव भी देखा जारहा था पाण्डुलिपि के विषय में रूचि रखने वाले शोधार्थियों और दर्शकों द्वारा वो भी पूरी दुनिया भर के ! ये बात ही अपने आप में सेमीनार के सार्थक होने का एक पुख्ता प्रमाण रहा ! साहित्कार गिरधर दान रतनु साहित्यकार शंकर सिंह राजपुरोहित बालोतरा से पधारी साध्वी जी ने भी अपने पत्र को नए आयाम और शोध के विषय के साथ रखा !
तीसरे और अंतिम सत्र में अध्यक्ष रहे चितौड़ से पधारे वरिष्ठ शोधार्थी और मुनि जिनविजय जी के अति निकटतम व्यक्तित्व श्री सत्यनारायण समदानी जी ! जिन्होंने मंच से मानो पूरी जीवनी मुनि जिनविजय जी के बचपन से अंतिम छण तक की एक एक घटना और विशेष उपक्रम की व्याख्या के साथ मंच से रखी ! जिन्हे मुनि जिनविजय जी ने जिया या भोगा ! उनके साथ मंच पर उपस्थित थे डॉ. नितिन गोयल जी और राजस्थान संस्कृत भाषा अकादमी जयपुर के सदस्य ! इन तीन सत्रों के तहत मुनि जिनविजय जी द्वारा किये गए पाण्डुलिपि , संकलन लेखन और उसके प्रकाशन के विषय पर आधारित सेमिनार में कब सुबह के 10 बजे से सायं के 6 :45 बज गए पता ही नहीं चला ! मुझे ऐसा प्रतीत हुआ मानो मै किसी टाइम मशीन के जरिये किसी अन्य लोक या स्थान पर चला गया हु ! जहाँ सिर्फ और सिर्फ पाण्डुलिपि और उससे जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों और उन तथ्यों साथ स्वयं मुनि जिनविजय जी साक्षात् मेरे समक्ष उपस्थित है और ये सब अनुभूत करवाराहा था ये सेमिनार! जिसे आयोजित किया डॉ. नितिन गोयल जी ने अपने अथक प्रयासों से राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान की और से !मैं अति लाभान्वित हुआ हु उस गरिमामय पाण्डुलिपि के इतिहास और उस इतिहास को रचने वाले व्यक्तित्व जी के बारे में जानकार सो हृदय से साधुवाद डॉ. नितिन गोयल जी को ! उनके आग्रह ने मुझे संत संगत का लाभ दिलवाया और विशेष आभारी हूँ चितौड़ से पधारे हुए वरिष्ठ शोधार्थी श्री सत्यनारायण समदानी जी का जिन्होंने एक मुनि के पुरे जीवन को समय के कुछ पलों में ही पूरी एक पुस्तक की तरह खोल के रख दिया ! यहाँ कुछ फोटो उस ऐतिहासिक सेमिनार के आप के अवलोकन हेतु मेरे कैमरा की नजर से !
you have a great day sir ..
warm regards
Yogendra kumar purohit
Master of Fine arts
Bikaner,India
DAY 5511
Jalsa, Mumbai Mar 19/20, 2023 Sun/Mon 7:43 AM
Birthday Ef
🪔 .. March 20 .. on happiness day .. all the happiness to Ef Jasmine Jaywant from USA .. and Ef Milan from Gujarat .. on their birthday .. love and happiness to you today and everyday in every way .. ❤️❤️🌿
It has been proven that the Ef listens to me .. one request and the entire Ef World came alive .. I am astounded and I am filled with such emotion it is difficult to describe .. my gratitude and love for this gift of the connection and my endless respect for the Ef .. you have proved that you are truly the family we all set up and continue to honour and respect and add to ..
Work be the essence of routine .. and routine be the effervescence of living life .. in the absence of either the world crumbles and falls apart .. routine guides the day to its efficiency and the absence of which disturbs ..
So .. I must rid myself of disturbance .. get back to work and bring back routine .. and that shall hopefully , with all your prayers , occur in its rapidity ..
Artists flourish in the realms of beautiful petals of colourful flowers .. in the sublime strains of soulful music .. in the atmosphere and surroundings of peace harmony and love ..
And when they get this they prosper with great achievement ..
BUT ..
When they get the opposite , it triggers the determined angst to disprove , to throw back the garbage that came your way , and rise above it all , chest out, a brave smile adorning the face ..
Many have .. and many shall be subjected to this , and shall endeavour to come face to face with it and live up to the expectations that they deserve ..
They that be victorious .. be in humbled silence .. they that be victorious in abstract circumstances .. be in silence too, for the noise from the achievement shall drown all else ..
Live in example .. live in spirit .. live in bestowed blessings .. no other living be absolute ..
Give and see .. give and receive .. give and be given .. but .. give .. !!
Divinity always has perched itself on peaks of the extreme .. not without reason .. to achieve nirvaan, the extreme to be conquered ..
Amitabh Bachchan
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डॉ. जाकिर हुसैन: भारत के पहले अल्पसंख्यक राष्ट्रपति जो जामिया का VC रहते लेते थे 80 रुपए सैलरी
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डॉ. जाकिर हुसैन: भारत के पहले अल्पसंख्यक राष्ट्रपति जो जामिया का VC रहते लेते थे 80 रुपए सैलरी
डॉ. जाकिर हुसैन ने जर्मनी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की थी.
बर्लिन में इकॉनॉमिक्स में पीएच.डी कर रहे जाकिर हुसैन ने जामिया मिलिया को चलाने का दायित्व अपने कंधे पर लेना (1925) स्वीकार किया. तय हुआ कि 150 रुपए की तनख्वाह पर वे जामिया का काम संभालेंगे लेकिन 1928 यानी हकीम अजमल खां की मौत के बाद उन्होंने अपनी तनख्वाह घटाकर 80 रुपए महीना कर ली.
News18Hindi
Last Updated: February 8, 2020, 11:57 AM IST
आज भारत के पहले अल्पसंख्यक राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन (Dr. Zakir Husaain) की जयंती है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) और सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvpalli Radhakrishnan) के बाद डॉ. जाकिर हुसैन भारत के तीसरे राष्ट्रपति बने थे. वो 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक राष्ट्रपति पद पर रहे. 3 मई 1969 को उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई थी. हैदराबाद में जन्मे मूल रूप से अफगानी पश्तून परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. जाकिर हुसैन ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया. उनके जीवन से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं. इन्हीं किस्सों में से एक है जामिया में उनका वाइस चांसलर रहते महज 80 रुपए की सैलरी लेना.
कुछ ऐसा था माहौल वह 1920 का वक्त था और महात्मा गांधी जानते थे कि आजादी के आंदोलन को एक व्यापक आधार देना जरूरी है. देश के मुस्लिम समुदाय के भीतर अंग्रेजों के विरुद्ध दो अलग-अलग रुझानों के लोग संघर्ष कर रहे थे. कुछ की सोच थी कि अंग्रेजी राज इस्लाम विरोधी है, सो उसका हरचंद विरोध होना चाहिए जबकि कुछ पश्चिमी शिक्षा प्राप्त नवयुवक थे और बिल्कुल लोकतांत्रिक मिजाज से सोचते थे कि अंग्रेजों ने भारत को नाहक ही उपनिवेश बना रखा है, एक राजनीतिक समुदाय के रूप में भारतीयों को अपने फैसले खुद करने का अख्तियार है.
मुस्लिम समुदाय के भीतर अंग्रेजों की मुखालफत करने वाला यह दोनों तबका गांधी की तरफ मुड़ा और गांधी ने इस मौके को अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन में तब्दील कर दिया. गांधी के आह्वान था कि लोग अंग्रेजी राज के बनाये स्कूल-कॉलेज को छोड़ें, अंग्रेजियत की सीख से अपने दिमाग को धो डालें.
गांधी का असर उनके आह्वान के असर में जिन छात्रों और शिक्षकों ने नौकरी या पढ़ाई छोड़ी उनमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक छात्र जाकिर हुसैन भी थे. खिलाफत आंदोलन और अंग्रेजों से असहयोग की रणनीति से उभरे जन-ज्वार को स्थायी रूप देने के लिए जाकिर हुसैन जैसे कई छात्रों और विद्वानों के एक समूह ने नए तर्ज के तालीम का एक संस्थान बनाने का फैसला लिया. वही संस्थान ��ज जामिया मिलिया इस्लामिया कहलाता है लेकिन आज के रूप तक आने से पहले उसे अपना वजूद बचाने की लड़ाई लड़नी पड़ी.एक तरफ सियासी संकट थे तो दूसरी तरफ आर्थिक मजबूरी. एक तो इस शिक्षा संस्थान के छात्रों और शिक्षकों ने सारे देश में चल रहे सत्याग्रह में हिस्सेदारी की और अंग्रेजों की जेल में बंद किए गए. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की इस्लामी धारा इस विश्वविद्यालय को अपने वजूद के लिए खतरे की तरह देख रही थी.
तुर्की के मुस्तफा कमाल पाशा ने 1924 में खिलाफत का खात्मा कर दिया और इससे पहले 1922 में गांधीजी भी असहयोग-आंदोलन वापस ले चुके थे. संस्थान के आगे चुनौती यह थी कि वो अपने को चलाए-बनाए रखे तो किस आधार पर. आर्थिक संकट अलग से थे. खिलाफत के जरिए मिलने वाली आर्थिक मदद खत्म हो चुकी थी. लेकिन गांधी डटे रहे, कहा कि विश्वविद्यालय चलेगा चाहे उसके लिए लोगों से भीख ही क्यों ना मांगनी पड़े.
मुस्तफा कमाल पाशा
ऐसे ही संकल्प के साथ जामिया अलीगढ़ से दिल्ली के करोलबाग में आया, कुछ दिनों तक संस्थान को स्वदेशी शिक्षा के पैरोकार हकीम अजमल खां का सहारा रहा, वे संस्था के सह-संस्थापक और पहले वाइस चांसलर भी थे लेकिन उनकी मौत के बाद सवाल खड़ा हुआ कि आखिर ऐसा कौन है जो जामिया मिलिया को बचाने के लिए अपनी जिंदगी होम कर सके.
जामिया का संभाला जिम्मा संकट के ऐसे ही वक्त में बर्लिन में इकॉनॉमिक्स में पीएच.डी कर रहे जाकिर हुसैन ने जामिया मिलिया को चलाने का दायित्व अपने कंधे पर लेना (1925) स्वीकार किया. तय हुआ कि 150 रुपए की तनख्वाह पर वे जामिया का काम संभालेंगे लेकिन 1928 यानी हकीम अजमल खां की मौत के बाद उन्होंने अपनी तनख्वाह घटाकर 80 रुपए महीना कर ली.
जामिया का ह्यूमैनिटीज ऐंड लैंगुएज डिपार्टमेंट
जामिया को दिए इन 21 सालों ने ही जाकिर हुसैन को एक महान शिक्षाप्रेमी की शख्सियत अता की बल्कि यह कहना ठीक होगा कि जिन बातों को वे अपने बचपन से महसूस करते आ रहे थे, उन्हें जिंदगी के अमल और उसूल के रूप में साकार करना उनके लिए संघर्ष के इन सालों में संभव हो सका. ये भी पढ़ें कोरोना वायरस से मंडराया चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गद्दी पर खतरा दादा के बनाए कानून के शिकंजे में फंसे उमर अब्दुल्ला, जानें क्या है पब्लिक सेफ्टी एक्ट क्या है बोडो समझौता, जिसके जश्न में शामिल होने असम जा रहे हैं पीएम मोदी कांग्रेस और बीजेपी दोनों की पसंद रहे हैं राम मंदिर के ट्रस्टी परासरन
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First published: February 8, 2020, 11:39 AM IST
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#80 rs salary of jamia vice chancellor#india third president#indian president#Zakir Hussain#जाकिर हुसैन#डॉ. जाकिर हुसैन#भारत के तीसरे राष्ट्रपति#हमारे राष्ट्रपति#News
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भारत बनाम वेस्टइंडीज मैच का पूर्वावलोकन, चौथा टी 20 आई, वेस्टइंडीज का भारत दौरा 2022
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भारत बनाम वेस्टइंडीज मैच भविष्यवाणी: कौन जीतेगा भारत और वेस्टइंडीज के बीच मैच? चौथा T20I, भारत का वेस्ट इंडीज दौरा 2022
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राष्ट्रपति चुनाव: गोपालकृष्ण गांधी ने विपक्ष के उम्मीदवार बनने के प्रस्ताव को ठुकराया | भारत समाचार
राष्ट्रपति चुनाव: गोपालकृष्ण गांधी ने विपक्ष के उम्मीदवार बनने के प्रस्ताव को ठुकराया | भारत समाचार
नई दिल्ली: शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला के बाद, गोपालकृष्ण गांधी अगले महीने के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार होने की गणना से खुद को बाहर करने वाले तीसरे व्यक्ति बन गए राष्ट्रपति चुनाव. गांधी ने अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा, “विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को राष्ट्रीय सहमति बनानी चाहिए, अन्य लोग होंगे जो मुझसे बेहतर करेंगे।” विपक्ष अब एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने की…
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डा. ज़ाकिर हुसैन (भूतपूर्व राष्ट्रपति)
Dr. Zakir Husain डाक्टर ज़ाकिर हुसैन (8 फरवरी, 1897 – 3 मई, 1969) स्वतंत्रता सेनानी एवं भारत के तीसरे राष्ट्रपति तथा प्रथम मुस्लिम राष्ट्रपति थे जिनका कार्यकाल 13 मई 1967 से 3 मई 1969 तक था। डा. ज़ाकिर हुसैन का जन्म 8 फ़रवरी, 1897 ई. में हैदराबाद, तेलंगाना के धनाढ्य पठान परिवार में हुआ था। कुछ समय बाद इनके पिता उत्तर प्रदेश में रहने आ गये थे। केवल 23 वर्ष की अवस्था में वे ‘जामिया मिलिया…
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भारत के तीसरे #राष्ट्रपति #डाक्टर_जाकिरहुसैन_जी की 125वी जयंती पर शत-शत नमन!
Tribute to 3rd #President of the Nation #Dr_ZakirHusain_ji on his 124th Birth anniversary.
#डाक्टरजाकिरहुसैन #Dr_ZakirHusain #ZakirHusain #DrZakirHusain https://t.co/cS0z7uYd9L
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🚩ईसाई मिशनरी संस्था को धर्मान्तरण के लिए 12 देशों से हो रही है फंडिंग...14 दिसंबर 2021
🚩पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने कहा था कि भारत में पादरियों का धर्म प्रचार (धर्मांतरण) हिन्दू धर्म को मिटाने का खुला षड्यंत्र है। भोजन, चिकित्सा और शिक्षा का प्रलोभन देकर अथवा जबरन हिन्दुओं को धर्मान्तरित किया जा रहा है।
🚩जबरन बाइबल पढ़ाई जा रही है...
मध्य प्रदेश के सागर जिले में ईसाई मिशनरियों की संस्था सेवाधाम आश्रम के बच्चों को जबरन गोमांस खिलाने और बाइबिल पढ़ने के लिए विवश करने का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर जबलपुर में एक संस्था द्वारा बाल गृह में रहने वाले बच्चों का धर्मान्तरण करने की कोशिश करने का मामला सामने आया है।
मामला संज्ञान में आने के बाद राष्ट्रीय बाल आयोग ने एक टीम को भेजकर मामले की पुष्टि कराई। टीम द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि संस्था में रह रहे सामान्य व दिव्यांग बच्चों को जबरन बाइबल पढ़ाई जाती थी और मना करने पर मारपीट की जाती थी।
🚩वहीं इस संस्था को विदेश की 12 संस्थाएं फंडिंग कर रही थीं। इसमें यूएसए , इटली, स्पेन, नीदरलैंड, यूके सहित कई देश शामिल हैं। इस फंडिंग के बारे में संस्था के संचालक किसी भी तरह के लीगल दस्तावेज टीम को प्रस्तुत नहीं कर पाए। इसके अलावा संस्था में कई तरह की अनियमितताएं सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी जबलपुर को कार्रवाई के आदेश दिए हैं। राष्ट्रीय बाल आयोग के प्रियंक कानूनगो ने बताया कि जबलपुर के गौरयाघाट मंडला रोड स्थित करुणा एनजेआरसी संस्था में देखरेख संरक्षण वाले दिव्यांग और सामान्य बच्चे रहते हैं। यहां पर बच्चों के धर्म की जानकारी होने के बाद भी उन्हें जबर्दस्ती बाइबल पढ़ाई जा रही थी। बाल आयोग की चार सदस्यीय निरीक्षण टीम को बच्चों ने बताया कि उन्हें बाइबल कंठस्थ कराने के लिए बाहर से फादर आते हैं। वहीं यहां के कार्यकर्ताओं ने भी स्वीकार किया कि बच्चों को ईसाई धर्म की शिक्षा दी जा रही है। इसके अलावा यहां पर अन्य तरह की अनियमितताएं पाई गईं। इस संस्था को विदेश की 12 संस्थाएं फंडिंग कर रही हैं जिसका हिसाब संस्था के पास नहीं है। यह फंडिंग डोनेशन के नाम पर हो रही है। कानूनगो ने बताया कि संस्था द्वारा बच्चों के धर्मान्तरण का प्रयास जेजे एक्ट का उल्लंघन है। इस मामले में उन्होंने जबलपुर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को 10 दिन के अंदर कार्रवाई करके आयोग को पालन प्रतिवेदन भेजने के लिए कहा है।
🚩फिलॉसफर नित्शे ने कहा था कि मैं ईसाई धर्म को एक अभिशाप मानता हूँ, उसमें आंतरिक विकृति की पराकाष्ठा है। वह द्वेषभाव से भरपूर व���त्ति है। इस भयंकर विष का कोई मारण नहीं। ईसाईयत गुलाम, क्षुद्र और चांडाल का पंथ है।
🚩अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति थाॅमस जैफरसन ने कहा था कि मैंने पचास और साठ वर्षों के बीच बाइबिल का अध्ययन किया तब मैंने यह समझा कि यह किसी पागल का प्रलाप मात्र है।
🚩डॉ. एनी बेसेन्ट ने कहा था कि मैंने 40 वर्षों तक विश्व के सभी बड़े धर्मों का अध्ययन करके पाया कि हिन्दू धर्म के समान पूर्ण, महान और वैज्ञानिक धर्म कोई नहीं है।
🚩स्वामी विवेकानंदजी ने कहा था कि हिन्दू समाज में से एक मुस्लिम या ईसाई बने, इसका मतलब यह नहीं कि एक हिन्दू कम हुआ बल्कि हिन्दूसमाज का एक दुश्मन और बढ़ा।
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: विजयता घोषित। इस शहर को मिला स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021।DEVBHOOMI NEWS।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: विजयता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी स्वच्छता मिशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी स्वच्छता मिशन के तहत हर वर्ष कराए जाने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के नतीजे आज घोषित कर दिए गए हैं। इस सर्वे में देश के करीब 4000 से ज्यादा शहरों को शामिल किया गया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा इंदौर शहर को किया पुरस्कृत
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021: विजयता की घोषणा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा आज की गई । राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा स्वच्छ शहरों को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2021 प्रदान किए गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा इंदौर को लगातार 5वीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। सूरत को दूसरा स्थान मिला है। मप्र का इंदौर पहले स्थान पर रहा तो राष्ट्रपति कोविन्द ने गुजरात के सूरत और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा को देश के दूसरे और तीसरे सबसे स्वच्छ शहर बनने पर सम्मानित किया। वहीं, केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे स्वच्छ गंगा शहर की श्रेणी में यूपी के वाराणसी को पहला स्थान मिला है।
स्वच्छता मिशन पर इस स्थान पर रहा उत्तराखंड का देहरादून
वहीं शिक्षा के हब बन चुके दून से हमेशा बेहतर स्वच्छता की उम्मीद की जाती है। हालांकि, यह और बात है कि देश के स्वच्छ शहरों की रैकिंग में दून अभी तक अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया है। कभी नगर निगम के स्तर पर तो कभी नागरिकों के स्तर पर कमी रह गई। इस दफा नगर निगम ने व्यवस्थाओं में काफी सुधार किया। यही वजह रही कि दून ने स्वच्छता रैंकिंग में एक लंबी छलांग लगाई है और 100 स्वच्छ शहरों में शामिल हो गया है। इस बार शहर को 82वीं रैंक मिली है।
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स्वच्छ सर्वेक्षण: इंदौर सबसे स्वच्छ शहर, सूरत और विजयवाड़ा के बाद
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स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी केंद्र��ं में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण, स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 द्वारा मध्य प्रदेश के इंदौर को लगातार पांचवें वर्ष भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शनिवार को निष्कर्ष जारी किए। 10 लाख से अधिक आबादी के साथ सूरत और विजयवाड़ा को क्रमशः दूसरे और तीसरे सबसे स्वच्छ शहरों के रूप में स्थान…
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